
अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सचिव ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि श्रीरामजन्मभूमि पर जो मंदिर बन रहा है, वह रामनंदीय परंपरा का है। अयोध्या में दोनों ही परंपराएं हैं, एक रामानंदीय और दूसरी रामानुजीय। दोनों के प्रमुख आचार्य और संत यहां निवास करते हैं।
पांच सौ अभियंता व सहायक भी होंगे समारोह में शामिल
अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण से जुड़े हुए पांच सौ से अधिक अभियंता और कर्मचारी प्राण प्रतिष्ठा समारोह का हिस्सा होंगे। उनको निमंत्रित किया जा चुका है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सचिव चंपत राय ने बताया कि यहां पर लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) व टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियरिंग (टीसीई) के लोगों ने इस मंदिर के निर्माण में महती भूमिका निभाई है। उनकी उपस्थिति भी समारोह में हो, यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है।
इस सदी का सबसे बड़ा प्रस्तर निर्माण है राम मंदिर
अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सचिव चंपत राय ने कहा है कि मैं दावा तो नहीं करता, लेकिन रामजन्मभूमि पर जो मंदिर बन कर तैयार हो रहा है, वह इस सदी और बीती सदी का सबसे बड़ा प्रस्तर निर्माण है। मेरी जानकारी में अब तक इतनी बड़ी प्रस्तर संरचना कहीं नहीं बनी है। यह अपने में अद्वितीय है। इसके निर्माण में सैकड़ों कारीगर और इंजीनियरों के साथ ही कई सलाहकार शामिल रहे, जिससे इतनी बड़ी संरचना बन कर कम समय में तैयार हो सकी।