प्रभु राम अयोध्या से लंका जिस मार्गो से गये थे श्रीलंका, श्रीराम वन गमन यात्रा उन्हीं से होकर गुजरेगी

 

राष्ट्रीय कवि संगम के द्वारा प्रस्तावित श्रीराम वन गमन यात्रा को लेकर अयोध्या सरयू तट पर संकल्प पूजन किया गया

यात्रा 14 जनवरी 2022 से निकलना प्रस्तावित है

श्रीलंका से निकलने वाली यह यात्रा 51 दिन में राम वन गमन मार्ग के 249 स्थानों पर विश्राम के उपरान्त अयोध्या पहुंचेगी

जिसमें 100 स्थानों पर भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र व आदर्शो पर आधारित कविताएं को प्रख्यात कवियों के द्वारा प्रस्तुति की जायेगी

अयोध्या। राष्ट्रीय कवि संगम के द्वारा प्रस्तावित श्रीराम वन गमन यात्रा को लेकर अयोध्या सरयू तट पर संकल्प पूजन किया गया। यात्रा 14 जनवरी 2022 से निकलना प्रस्तावित है। श्रीलंका से निकलने वाली यह यात्रा 51 दिन में राम वन गमन मार्ग के 249 स्थानों पर विश्राम के उपरान्त अयोध्या पहुंचेगी। जिसमें 100 स्थानों पर भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र व आदर्शो पर आधारित कविताएं को प्रख्यात कवियों के द्वारा प्रस्तुति की जायेगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य इन्द्रेश कुमार थे।
उन्होने बताया कि श्रीलंका से अयोध्या तक काव्य यात्रा निकाला जाना है। यह मकर संक्रान्ति पर 14 जनवरी 2022 से प्रारम्भ होगी। 1 मार्च 2022 को अयोध्या में इसका समापन होगा। प्रभु राम अयोध्या से लंका जिस मार्गो से गये थे। यात्रा उन्हीं मार्गो से होकर गुजरेगी। उन्होने बताया कि यात्रा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कवियों द्वारा अपनी रचनाओं की प्रस्तुति के माध्यम से मर्यादा आदर्श के साथ रामराज्य को परिभाषित करेंगे। इस अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल, महासचिव डा अशोक बत्रा, राष्ट्रीय सह महामंत्री महेश शर्मा, यात्रा के जनक व राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय संरक्षक बाबा सत्यनारायन मौर्य, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष मुनि चिदानंद , कार्यक्रम संयोजक हरीश श्रीवास्तव मौजूद रहे। ं